Abstract
International Journal of Advance Research in Multidisciplinary, 2024;2(3):427-430
चित्रकार दिलीप दास गुप्ता का रचना संसार
Author : डाॅ. देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी
Abstract
भारतीय समकालीन कला के विकास में किसी एक कलाकार या किसी एक घटना से जोड़कर नही देखा जा सकता। चित्रकार अपने रचना संसार से सभी को अवगत कराता है। भारतीय समकालीन कला में नवीनतम दृष्टिकोण, विचारधाराएॅं स्वरूप ग्रहण करती है। कलाकार अपनी कल्पना शक्ति द्वारा नवीन सोच एवं विचार से आकारों को संरचना करता है। कलाकार आन्तरिक अनुभूति से अन्वेषण कर कलाकृतियों का निर्माण करता है एवं कलाकार का विशाल कार्य मानव रूपी तत्वों के बजाय प्रकृति से प्रेरित रूपों, स्थान, सतह, शून्य में उसकी रूचि को रेखांकित करता है।
दिलीप दास गुप्ता भारत के अग्रणी चित्रकारों में जाने जाते है उनके मूर्त व अमूर्त चित्रों को आधुनिक भारतीय कला के एक महत्वपूर्ण कडी के रूप में देखा जाता है। इनकी चित्रकृतियों में भारतीय जन मानस से जुडे़ सामाजिक मनोभावों का सम्मिश्रण स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है।
Keywords
समकालीन कला, दिलीप दास गुप्ता, रंग तकनीक, तैल रंग, दृश्यचित्र आदि।