Email : editor.ijarmjournals@gmail.com

ISSN : 2583-9667, Impact Factor: 6.038

Contact : +91 9315510518

Email editor.ijarmjournals@gmail.com

Contact : +91 9315510518

Abstract

International Journal of Advance Research in Multidisciplinary, 2025;3(1):01-04

सूर के पदों की गेयताः सूर संगीत

Author : डाॅ. पंकज उप्रेती

Abstract

साहित्य और संगीत का गहरा सम्बन्ध है, जो प्राचीन काल से चला आ रहा है। साहित्य बिना संगीत के अधूरा लगता है, और यह विशेष रूप से वेदों और उपनिषदों में देखा जाता है। वेदों में ‘उद्गीथ’ का उल्लेख किया गया है, जो संगीत के गहरे तत्वों को दर्शाता है। भक्ति साहित्य और संगीत में भी गहरे रिश्ते हैं, जैसे सूरदास के पदों में गेयता और संगीत का अनिवार्य स्थान है। सूरदास की रचनाओं में गेयता का समावेश उनकी भावनाओं और कला के उत्सर्जन के रूप में देखा जा सकता है। यह अध्ययन साहित्य और संगीत के संयोजन, विशेषकर गेयता के महत्व और सूरदास के संगीतात्मक काव्य के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

Keywords

संगीत, गेयता, सूरदास, भक्ति, राग, वेद, उपनिषद, प्रणव, संगीत तत्त्व, भक्ति काव्य, सूर संगीत, गायक, रचनाएँ, काव्य कला, संगीतज्ञ