Abstract
International Journal of Advance Research in Multidisciplinary, 2024;2(3):517-520
माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के नैतिक मूल्यों के स्तर का अध्ययन
Author : अरविंद कुमार, डॉ. महीप कुमार मिश्रा
Abstract
शिक्षा का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक, आध्यात्मिक, सौंदर्य और सांस्कृतिक पहलुओं के संदर्भ में मानव व्यक्तित्व का सामंजस्यपूर्ण और सर्वांगीण विकास करना है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के सामंजस्यपूर्ण विकास के लिए शैक्षणिक संस्थान में कक्षा के अंदर और बाहर आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की आवश्यकता होती है। खेल, खेलकूद, एथलेटिक्स, गायन, नृत्य, पेंटिंग, शौक जैसी गतिविधियाँ आत्म-अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान करती हैं और छात्रों में नैतिक मूल्यों का समावेश और विकास सुनिश्चित करती हैं, जिस पर व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की प्रगति निर्भर करती है। नैतिक मूल्य वे मूल्य हैं जिन्हें हमें स्कूलों में विकसित करने की सबसे अधिक आवश्यकता है। इन जरूरतों का भी उचित और पर्याप्त रूप से ध्यान नहीं रखा जाता है। यह बच्चों को सैद्धांतिक एवं सतही स्तर पर कुछ ज्ञान एवं कौशल अधिक प्रदान करता है, इसीलिए आधुनिक शिक्षा को असंतुलित एवं पक्षपातपूर्ण कहा जाता है। उनमें से सबसे महत्वपूर्ण चरित्र, नैतिकता या नैतिकता से संबंधित हैं। उपरोक्त दृष्टि के बिना शिक्षा बेकार है, नैतिक मूल्य के बिना शिक्षा अपराध है, और मिशन के बिना शिक्षा जीवन का बोझ है। उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा भी मूल्य शिक्षा पर जोर देने के साथ गतिविधि आधारित पाठ्यक्रम की आवश्यकता की वकालत करती है।
Keywords
शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक, आध्यात्मिक, सौंदर्य