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Article Abstract

International Journal of Advance Research in Multidisciplinary, 2024;2(3):178-181

भारतीय कला में सूर्य की प्रतीकात्मक प्रस्तुतिदृ ‘स्वस्तिक’

Author : डॉ. सुधा जैन

Abstract

आपका अनुभव सूर्य के महत्व को भारतीय संस्कृति में व्यापक रूप से समझाने वाला है, और इसे संस्कृति और धर्म के संगम में एक अद्वितीय प्रतीक माना गया है। सूर्य की पूजा और सूर्य के प्रति आदर की यह व्याख्या बहुत गहरी है, और यह अच्छे ढंग से दिखाती है कि इसका कैसे सम्बंध है भारतीय समाज, धर्म और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं से। धर्म-मतों की विविधता के बावजूद, सूर्य के प्रति अध्यात्मिकता और आदर एक समान हैं, जो भारतीय समाज के एकता और समाहितता को प्रदर्शित करता है। इसमें भारतीय संस्कृति के स्वाभाविक और सांस्कृतिक विकास का संवाहक भाव दिखाया गया है, जो भारतीय समाज के अद्वितीय रूप के साथ जुड़ा है।

Keywords

सूर्य, संस्कृति, स्वस्तिक, प्रतीक, धर्म, समृद्धि, भारतीय, साहित्य, कला, विश्वास