Article Abstract
International Journal of Advance Research in Multidisciplinary, 2023;1(1):585-588
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गाँधी तथा परिषदीय बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत् छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य तथा बुद्धिलब्धि का तुलनात्मक अध्ययन
Author : शिप्रा अग्रवाल, डाॅ. प्रवीन त्रिपाठी
Abstract
‘‘शिक्षा मात्र अक्षर ज्ञान के लिए नहीं है बल्कि यह सशक्तिकरण का वह साधन है जो हमें समाज में बेहतर जीवन जीने के योग्य बनाती है।’’ वे बालिकाएं जिन्हें परिस्थितियों ने शिक्षा से वंचित कर दिया था, किसी को गरीबी के कारण, किसी को छोटे भाई-बहन की देखभाल के कारण, किसी को घरेलू जिम्मेदारी, तो कोई बालिका शिक्षा की उपेक्षा के कारण, न सिर्फ शिक्षा से वंचित रह गई। उन्हें इस बात का कोई अंदेशा नहीं था कि वे कभी भी जीवन में शिक्षा पाने का अवसर पाएगी। ऐसी बालिकाओं की शिक्षा की सम्पूर्ति के लिए सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय योजना का प्रारम्भ किया गया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना भारत सरकार द्वारा 21वीं शताब्दी में लागू की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश भी सम्मिलित है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना का संचालन शुरूआती दौर में चुनौतीपूर्ण था। जो माता-पिता अपनी बालिका को अपने ही गांव की पाठशाला में नहीं भेज रहे थे वे उसे आवासीय विद्यालय में ब्लाक मुख्यालय पर कैसे भेजोगे यह एक बड़ा प्रश्न था। फिर उन्हें चिन्हित करना, उन तक पहुंचना और उनके माता-पिता को राजी करना भी आसान न था। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए मानक के अनुसार बालिकाओं को चिन्हित करने का काम शुरू किया गया। प्रस्तुत अध्ययन में बालिकाओं की शिक्षा में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालओं का शैक्षिक उपलब्धि व जीवनशैली के संदर्भ में प्रभावो का आंकलन करना शोधार्थी का उद्देश्य है, अतएव कम समय में प्रदत्त/आंकड़ें प्राप्त करने के लिए सर्वेक्षण विधि ही सर्वथा उपयुक्त है। इसीलिए शोधार्थी ने प्रस्तुत अध्ययन में इस विधि का चयन किया है।
Keywords
कस्तूरबा, शिक्षा, सर्व शिक्षा, अर्थव्यवस्था, बुद्धिलब्धि, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक