Article Abstract
International Journal of Advance Research in Multidisciplinary, 2023;1(1):589-592
शारीरिक शिक्षा एवं शिक्षा महाविद्यालयों के वातावरण व उनके प्रशिक्षणार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि में परस्पर सम्बन्धों का मूल्यांकन
Author : Krishna Kumar Srivastava
Abstract
मनुष्य जीवन में प्रशिक्षणार्थी जीवन का सर्वाधिक महत्व है, क्योंकि यह ‘निर्माण काल’ माना जाता है। एक बार एक स्वरूप निश्चित हो जाने के बाद प्रशिक्षणार्थी उसके अभ्यस्त हो जाते है, तब उन्हें बदलना कठिन हो जाता है। मनुष्य जीवन को सफल बनाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किन्तु प्रशिक्षणार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिये खेल-कूद एवं शारीरिक शिक्षा भी अत्यन्त आवश्यक है। प्रस्तुत शोध में शैक्षिक उपलब्धि से अभिप्राय महाविद्यालयी प्रशिक्षणार्थियों द्वारा विश्व विद्यालयों द्वारा संचालित वार्षिक परीक्षा में कुल प्राप्तांक प्रतिशत से है। शैक्षिक मापन में निष्पत्ति परीक्षणों का विशेष महत्व है निष्पत्ति परीक्षणों के द्वारा यह मापन किया जाता है कि प्रशिक्षणार्थियों ने कक्षा में पढ़ायें गये विषयों की पाठयवस्तु के सम्बन्ध में कितना सीखा हैं। इस प्रकार के परीक्षणों में सम्पूर्ण पाठयवस्तु पर प्रश्न पूछे जाते है। और सही उत्तर को देखकर उनका योग कर लिया जाता है, जिसे प्राप्तांक कहते है। इस प्रकार निष्पत्ति परीक्षण में पाठ्यवस्तु के सीखने को विशेष महत्व दिया जाता है। शिक्षा का महत्वपूर्ण उद्देश्य ज्ञान को प्राप्त करना है। शिक्षा संस्थाओ में जो ज्ञान दिया जाता है। वह सूचना स्तर तक ही होता है। इन सभी को ज्ञानात्मक शैक्षिक उपलब्धि माना जाता है।
Keywords
शारीरिक शिक्षा, शैक्षिक उपलब्धि, परस्पर सम्बन्धो, अर्थव्यवस्था, सर्वांगीण विकास