Article Abstract
International Journal of Advance Research in Multidisciplinary, 2023;1(1):756-758
मानवीय मूल्यों की अवधारणा पर आधारित शिक्षा का महत्व
Author : सीमा सैनी और डॉ. धर्मेंद्र सिंह
Abstract
जीवन मे सफलता का आघार वास्तव मे शिक्षा मे निहित है। शिक्षा द्वारा विकल्पों मे से उत्तम को चुनने की कुशलता विकसित होनी चाहिए उत्तम विकल्प के चयन की प्रक्रिया है। वास्तव में मूल्य प्रक्रिया आज हम पूर्णतः स्वतन्त्र रहकर और अपने हित को सर्वोपरि रख कर प्रायः विकल्प चुना करते हैं परन्तु वास्तव मे ऐसा नहीं होना चाहिए शिक्षा के द्वारा विकसित किए जाने वाले मानवीय के बारे हमारे धर्माचार्याें शिक्षाविदों मनोवैज्ञानिको दार्शनिकों शिक्षकों व अविभावकों मे एक मत नहीं बन पाया है। हमारी प्राचीन समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में मानवीय मूल्यों सत्य, धर्म, सादगी, त्याग, दया भाव, शालीनता, शान्ति, अहिंसा का समावेश था। इसलिए प्राचीन समय में भारत को विश्व गुरू का दर्जा प्राप्त था। मूल्य की अवधारणा मनुष्य के प्रत्येक चुनाव, निश्चय, निर्णय तथा कार्य में विद्यमान है। जब हम दो वस्तुओं या दो मनोरथों में चुनाव करते हैं तो उस मनोरथ को प्राप्त करने का निश्चय करते हैं जो अधिक श्रेष्ठ है और इसी निर्णय के अनुसार जीवन में कार्य करते हैं। इस चुनाव, निर्णय तथा निश्चय में उन वस्तुओं या मनोरथों के मूल्य की अवधारण छिपी है। एक का मूल्य दूसरे से अधिक ठहराया गया है। यदि ऐसा मूल्यांकन न होता, तो निर्णय कभी नहीं हो सकता था। व्यक्ति एक वस्तु क® पसन्द करता है, दूसरी को नापसन्द, एक व्यक्ति की प्रशंसा करता है, दूसरे की निन्दा करता है, एक कार्य को शुभ मानता है और दूसरे को अशुभ, ये सारे निर्णय मूल्य की अवधारणा पर आधारित है।
Keywords
मानवीय मूल्यों, शिक्षा, दार्शनिकों शिक्षकों, प्राचीन, समृद्ध, सांस्कृतिक