Article Abstract
International Journal of Advance Research in Multidisciplinary, 2025;3(1):24-27
राजनैतिक मानवधिकारों के क्षेत्र में डाॅ. भीमराव अम्बेडकर का योगदान
Author : सचिन कुमार
Abstract
मेरा यह शोध.पत्र राजनैतिक मानव अधिकारों के क्षेत्र में महान योगदान करने बाले डाॅण् भीमराव अम्बेडकर को समर्पित है। उनके जन्म के समय भारत ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी में जकड़ा हुआ था। अंग्रेजों ने भारतीयों को मानवाधिकारों से वंचित कर दिया था। डाॅण् भीमराव अम्बेडकर का व्यक्तिगत जीवन हमेशा मानव अधिकारों के उल्लंघन से प्रभावित रहा। उन्होने अमेरिकाए ब्रिटेश एवं जर्मनी में बैरिस्टर एवं पीएचण्डी की उच्चतर डिग्रियाॅं हासिल की। भारत वापस आने के बाद वे बम्बई विधान परिषद एवं विधानसभा के सदस्य बने। वे बायसराय की कार्यकारिणी में श्रम मंत्री भी रहे। वे भारतीय संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के चैयरमैन भी रहे। इसके साथ.साथ वो भारत के आजाद होने पर नहेरू सरकार में भारत के प्रथम कानून मंत्री भी बने।
डाॅ. भीमराव अम्बेडकर बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वे एक महान विद्धान,राजनीति विज्ञानी,संविधानवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री एवं दूरदर्शी नेता थे। वे आधुनिक और लोकतंात्रिक भारत के महान रचियताओं में से एक है। दरअसल उनके व्यक्तित्व के अनेक आयाम है। डाॅ.अम्बेडकर ने अपने जीवनकाल (1891-1950) में मनुष्य को अनेक प्रकार के मानवाधिकार दिलायें। ये मानवाधिकार नागरिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में दिलाये गये। इस शोध पत्र में हमने उनके द्वारा दिलायें गये राजनैतिक मानवाधिकरों को अध्ययन किया है। डाॅ. अम्बेडकर ने राजनैतिक मानवाधिकरों में राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने, मत देने और चुने जाने का अधिकार, शांतिपूर्ण सम्मेलन का अधिकार, संगठन (एसोसिएशन) बनाने का अधिकार, राष्ट्रीयता का अधिकार और शरण पाने के अधिकार दिलाये।
Keywords
देशी रियासत, लोकतंत्रिक व्यवस्था, संसदीय प्रणाली, साईमन कमीशन, वयस्क मताधिकार, राष्ट्र-निर्माण, संम्प्रभुता, स्वतंत्र मजदूर दल, शिड्यूल कास्ट फेडरेशन।