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Article Abstract

International Journal of Advance Research in Multidisciplinary, 2025;3(1):187-193

आधुनिक समाज में मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियां एवं समाधान

Author : डॉ. रीता मौर्या

Abstract

आधुनिक समाज में मानसिक स्वास्थ्य दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंता के विषय के रूप में उभरा है,  सभी लोगों को प्रभावित कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि दुनिया भर में लगभग हर आठ में से एक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के मानसिक समस्या से ग्रस्त है, जिसमें निराशा और चिंता आदि शामिल हैं। “पैरानॉयड सिज़ोफ्रेनिया” एक मनोवैज्ञानिक शब्द है  जिसमें व्यक्ति की मानसिक स्वास्थ्य की बीमारियों को की जांच की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसमें पीड़ित व्यक्ति में संदेह, जुनून, निराशा, चिंता या भ्रम का स्तर इतना अधिक होता है जो उसे सही लगता है। वह वही करने लगता है जिसके परिणामस्वरूप उस व्यक्ति में अजीबोगरीब व्यवहार और अनुचित भावनात्मक प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जो काफ़ी प्रचलित है जो शहरी जीवन शैली, सामाजिक अलगाव, आर्थिक तंगी और डिजिटल तकनीक के सर्वव्यापी उपयोग के कारण लोगो में बढ़ती देखी जाती है, खासकर युवाओं में इस संकट को और बढ़ा दिया है।

मानसिक स्वास्थ्य और उससे जुड़े मुद्दे दुनिया भर में शोध का विषय रहे हैं, इससे जुड़ी कई समस्याओं पर शोध सामने आ रहे  हैं। आप मानसिक स्वास्थ्य को कैसे परिभाषित करते हैं और कैसे उसका समाधान करते है इसके कई कारण और दृष्टिकोण देखे जा सकते है। परिणामस्वरूप समकालीन समय में इस विषय पर चर्चा करना जरूरी हो गया है। इस अध्याय यही जानने का प्रयास किया गया है  कि आधुनिक समाज में मानसिक स्वास्थ्य  की चुनौतियां एवं समाधान क्या–क्या हो सकते है।

Keywords

मानसिक स्वास्थ्य, पैरानॉयड सिज़ोफ्रेनिया, मनोवैज्ञानिक, अजीबोगरीब, भावनात्मक